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ਵਿੱਦਿਆ ਵਿਚਾਰੀ ਤਾਂ ਪਰ-ਉਪਕਾਰੀ।
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ਵਿੱਦਿਆ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਤੀਸਰਾ ਨੇਤਰ ਹੈ।
ਨਕਲ ਆਤਮ-ਹੱਤਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।
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    नींद में चलने का रहस्य

    कुछ लोग नींद मे चलने की आदत से ग्रसित होते हैं. उन्हें पता नहीं चलता कि वे रात को क्या कर रहे थे या कहाँ घूम रहे थे. जब वे ऐसा कर रहे होते हैं तब वे अर्धजागृत अवस्था में होते हैं परंतु फिर से सो जाने के बाद वे उस घटना को भूल जाते हैं.

    वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यह बिमारी अनुवांशिक है और पीढी दर पीढी आगे बढती रहती है. नींद में चलने के पीछे जिनेटिक खामी जिम्मेदार है. हाल में की गई एक शोध के अनुसार हमारे शरीर में स्थित क्रोमोज़ोम 20 की वजह से ऐसा होता है. इस क्रोमोज़ोम के खराब हो जाने से नींद में चलने की आदत लग जाती है.

    वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसीन की डॉ. क्रिस्टीना गर्नट और उनकी टीम ने एक ही परिवार के 22 सदस्यों का परीक्षण कर ये नतीजे प्राप्त किए. इस परिवार के 9 सदस्य नींद में चलने की बिमारी से ग्रसित हैं. डॉ. गर्नट के अनुसार इस बिमारी से ग्रसित व्यक्ति से यह क्रोमोज़ोम खामी उसकी संतान तक जाती है. ऐसा होने की सम्भावना लगभग 50% तक होती है.

    फिलहाल इस समस्या के मूल को लेकर और गहन अभ्यास किया जाना बाकी है. इसके बाद इसकी रोकथाम के लिए कारगर इलाज ढूंढा जा सकेगा.

    Author : तरकश ब्यूरो, FRIDAY, 11 FEBRUARY 2011 11:01
    References : http://www.tarakash.com/2/lifestyle/health/4891-sleep-walking-gene-identified.html

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